उत्तराखंड राज्य में पाषाण या धारू(लकड़ी) से बनाई हुई मूर्तियाँ प्राप्त हुई है।
>विष्णु की 11वी शताबदी की मूर्ति देवलगढ़ से प्राप्त हुई।
>शेष-शयन (शेष नाग पे लेटे हुए विष्णु जी) की मूर्ति बैजनाथ मन्दिर से प्राप्त हुई।
>ब्रह्म की पाषाण मूर्ति द्वारहाट से प्राप्त हुई थी, जिसे बैजनाथ संग्रहालय में रखा गया है।
>उत्तराखंड राज्य में शिव की निर्त्य मुद्रा की मूर्ति जागेश्वर से प्राप्त हुई ।
>शिव की बज्रासन(तपश्या) की मूर्ति केदारनाथ मंदिर से प्राप्त हुई, जो की आठवी सदी की मानी जाती है।
>गणपति जी की निर्त्य मुद्रा में आठ भुजाओं वाली मूर्ति जोशीमठ से प्राप्त हुई। ये मूर्ति 11वीं शताबदी के आसपास की मानी जाती है
>दुर्गा की पाषाण मूर्ति कालीमठ से प्राप्त हुई। जिसे बैजनाथ संग्रहालय में रखा गया है।
>महिषासुर मर्दिनि की आठ भुजाओ वाली मूर्ति चम्बा से प्राप्त हुई।
>मेखण्डा की पार्वती की प्रतिमा बैजनाथ मंदिर से प्राप्त हुई।
>सूर्य की तीन फुट ऊंची काली प्रतिमा जागेष्वर से प्राप्त हुई, जिनमे सूर्य सात घोड़ो को लेकर चलते हुए दिखये गए है।
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