सांस्कृतिक विरासत
परिभाषा - सांस्कृतिक विरासत, संस्कृति से ओत - प्रोत या संस्कृति से युक्त वह विरासत है, जो हमे अपने पूर्वजों से मिलती है। किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाली सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय सांस्कृतिक विरासत कहलाती है।
देवीय स्थलों और प्राकृतिक धरोहरों से संपन्न यह उत्तराखंड क्षेत्र अपनी लोक संस्कृति को शालीनता से सहेजे हुए है, यहां के उत्सवो एवम धार्मिक समारोह मे लोक संस्कृति के विभिन्न रंग चारों दिशाओं में बिखर जाते है, यहां के लोक वाद्य , लोकगीत, लोकगायन शैली, लोकनृत्य,चित्रकला अथवा शिल्प कला इतनी समृद्ध है , कि इस पर जितना शोध किए जाए ,वह कम ही होगा।
इस पोस्ट में हम उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्वों के बारे में जानेंगे।
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व कौन- कौन से है
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग - 1
उत्तराखंड की चित्रकला
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग-2
उत्तराखंड की शिल्पकला
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -3
उत्तराखंड की मूर्तिकला (मूर्तिशिल्प)
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -4
उत्तराखंड के प्रमुख लोकगीत
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -5
उत्तराखंड के प्रमुख लोकनृत्य
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -6
उत्तराखंड के प्रमुख वाद्ययंत्र
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -7
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -8
उत्तराखंड की नाट्यकला और फिल्म इंड्स्ट्री
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -9
उत्तराखंड के प्रमुख मेले
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -10
उत्तराखंड की प्रमुख यात्राएँ
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग -11
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पारंपरिक परिधान व अभूषण
उत्तराखंड के सांस्कृतिक तत्व भाग - 12
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान
ज़रूर पढ़ें - उत्तराखंड का इतिहास व परिचय